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कैकसी
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কৈকেয়ী. নিকষা
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کیکسی
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கைகசி
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കൈകസി
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କୈକସୀ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ਕੈਕਸੀ
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કૈકસી
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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निकषा
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रावणकथा
हिंदू धर्मातील पुराणे अतिप्राचीन असून त्यातील कथा उच्च संस्कृतीच्या प्रतिक आहेत.
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कुंभीनसी
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सुमालिन्
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कथाकल्पतरू - स्तबक ६ - अध्याय १७
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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सुमाली
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पूर्वभागः - एकोनविंशतितमोऽध्यायः
पुराण म्हणजे भारतीय संस्कृतीचा अमूल्य ठेवा आहे. महापुराणांच्या क्रमवारीत कूर्मपुराण पंधराव्या स्थानावर आहे.
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विश्र्ववस्
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शूर्पणख , शूर्पनखी
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अध्याय दुसरा - श्लोक १ ते ५०
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते.
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प्रहस्त
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खंड २ - अध्याय २९
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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पूर्वभागः - अध्यायः ६३
अठरा पुराणांमध्ये भगवान् शंकराची महान महिमा लिंगपुराणात वर्णिलेली आहे. यात ११००० श्लोक आहेत. प्रथम योग आणि नंतर कल्प असे विवेचन गुरू वेदव्यास यांनी या पुराणात सांगितले आहे. हा शिव पुराणाच पूरक ग्रंथ आहे.
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माल्यवत्
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उत्तरकांडम् - काव्य १०१ ते १५०
उत्तरकाण्डम् या प्रकरणातील श्लोकातील सातवे अक्षर श्री रा म ज य रा म ज य ज य रा म असे आहे.
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पातालखण्डः - अध्यायः ६
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः ८६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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विभीषण
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सौरपुराणं - अध्यायः ३०
सौरपुराणं व्यासकृतम् ।
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अध्याय बावीसावा - श्लोक १५१ ते २२०
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते.
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कुंभकर्ण
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कथाकल्पतरू - स्तबक ७ - अध्याय ९
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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रावण
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श्रीशिवलीलामृत - अध्याय तिसरा
भगवान शंकराची कृपा प्राप्त करून घेण्यासाठी शिवलीलामृत पोथीचे पारायण करावे.
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विष्णुधर्मोत्तरपुराणम्/खण्डः १/विषयानुक्रमणिका
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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